वरिष्ठ जेल अधीक्षक प्रमोद कुमार शुक्ला के नेतृत्व में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता मेजर सुनील दत्त द्विवेदी सदर विधायक फर्रुखाबाद मुख्य अतिथि शैलेंद्र दुबे ऑल इंडिया पावर फेडरेशन के चेयरमैन ,विशिष्ट अतिथि रीना त्रिपाठी महामंत्री भारतीय नागरिक परिषद तथा इतिहास विद रामकृष्ण राजपूत रहे। जिला जेल के  अधीक्षक भीम सेन मुकुंद, शैलेंद्र सिंह कमांडेंट होम गार्ड्स तथा शहर के अधिकांश गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

      कार्यक्रम का संचालन बृज किशोर ने किया,कार्यक्रम की शुरुआत अमर शहीद मणीन्द्रनाथ बनर्जी की प्रतिमा में माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित करके किया गया इस अवसर पर जेल प्रशासन के बैंड द्वारा श्रद्धांजलि धुन का गान किया गया। स्मृति दिवस के अवसर पर स्मृति स्वरूप जामुन तथा पीपल के पेड़ों का वृक्षारोपण किया गया। संगोष्ठी में बोलते हुए मुख्य अतिथि शैलेंद्र दुबे ने मणीन्द्रनाथ बनर्जी के जीवन से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला तथा काकोरी कांड से उनका संबंध बताते हुए सभी को महेंद्र नाथ बनर्जी द्वारा किए गए साहसिक कार्यों को बताया।मणीन्द्र काकोरी एक्शन में अपने क्रांतिगुरु राजेन्द्र लाहिड़ी को हुई फांसी की का कारण अपने मामा की गवाही मानते थे।इसलिए बदला लेना चाहते थे।आपने दिनांक 13 जनवरी 1928 को  जितेंद्र नाथ बैनर्जी को गुदौलिया बनारस में अपने पिस्तौल से तीन  गोलियां मारकर वध कर दिया ।

        भारतीय नागरिक परिषद के महामंत्री रीना त्रिपाठी ने सभी को बताया कि बनारस में जन्मे और राजेंद्र लाहड़ी को आदर्श मानकर क्रांति की ज्वाला में आहुति देने वाले बनर्जी का योगदान वाकई इतिहास दूसरा नहीं मिलेगा। स्वाधिनता आन्दोलन के सपूतों ने अपने रक्त की अंतिम बूँद तक का सुचिंतित बलिदान आजादी के निमित्त सहर्ष किया। 

           वरिष्ठ अधीक्षक प्रमोद शुक्ला ने बताया सभी को धन्यवाद देते हुए कहा की भारत माता के अगणित अमर सपूतों में अग्रणी स्वर्गीय मणीन्द्रनाथ बनर्जी के बलिदान दिवस की 89वीं आवृत्ति (पुण्य तिथि) पर केन्द्रीय कारागार फतेहगढ के शहीद स्मारक स्थल पर एक भव्य स्मृति दिवस समारोह का आयोजन दिनांक 20 जून 2022 को किया जा रहा है क्योंकि यही आपको इस मुकदमा में 10 वर्ष की सजा हुई ।


केंद्रीय कारागार फतेहगढ़ (उत्तर प्रदेश ) में आपने क्रांतिकारी  कैदियों से किये जा रहे  दुर्व्यवहार के विरुद्ध 14 मई 1934 भूख हड़ताल की शुरू की ।उस समय क्रांतिकारी मन्मंथनाथ गुप्त व यशपाल भी इसी जेल में थे।।


भूखहड़ताल सेआपकी हालत बिगड़ती गई व दिनाँक 20 जून 1934 को आपने मनमंथनाथ की गोद में अपने प्राणों की आहुति दी। 

        स्वातन्त्र्य वीर हुतात्माओं को श्रद्धांजलि/ पुष्पांजलि अर्पित कर उनके प्रति सभी ने अपनी कृतज्ञता ज्ञापन कर अपना पुनीत योगदान दिया।


    इस अवसर पर आयोजित गोष्ठी में प्रखर/ मर्मज्ञ वक्ताओं ने अपने विचार रखे। संगोष्ठी में मुख्य रूप से रामकृपाल मिश्रा योग प्रशिक्षक, प्रमुख समाज सेवी डाक्टर राजेश तिवारी तथा विद्युत अभियंता संघ के महासचिव प्रभात सिंह, कानपुर क्षेत्र के विद्युत अभियंता क्षेत्रीय सचिव जितेंद्र सिंह गुर्जर ,शाखा सचिव शरद प्रताप, प्रथमेश दीक्षित, शिव प्रकाश दीक्षित , समाज सेविका रामिला राजपूत मुख्यत: उपास्थित हुए। एवं शहर के कई गणमान्य व्यक्ति अधिकाधिक संख्या में, सपरिवार उपस्थिति हो अपना मत रखा।