जंघई।श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ कथा में पांचवे दिन आशीर्वाद गेस्ट हाउस जंघई बाईपास में कथा व्यास रामानुजाचार्य श्रीधराचार्य महाराज ने श्री कृष्ण बाल लीलाओं का वर्णन किया। भागवत कथा में आचार्य ने कहा कि कृष्ण हिंदू धर्म में विष्णु के अवतार हैं सनातन धर्म के अनुसार भगवान विष्णु सर्वपापहारी पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख देवता हैं। जब-जब इस पृथ्वी पर असुर एवं राक्षसों के पापों का आतंक व्याप्त होता है तब-तब भगवान विष्णु अवतरित होकर पृथ्वी के भार को कम करते हैं। वैसे तो भगवान विष्णु ने अभी तक 12 अवतारों को धारण किया इन अवतारों में उनके सबसे महत्वपूर्ण अवतार श्रीराम और श्रीकृष्ण के ही माने जाते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लेते ही कर्म का चयन किया नन्हें कृष्ण द्वारा जन्म के छठे दिन ही शकटासुर का वध कर दिया, सातवें दिन पूतना को मौत की नींद सुला दिया तीन महीने के थे तो कान्हा ने व्योमासुर को मार गिराया। प्रभु ने बाल्यकाल में ही कालिया वध किया और सात वर्ष की आयु में गोवर्धन पर्वत को उठा कर इंद्र के अभिमान को चूर-चूर किया। गोकुल में गोचरण किया तथा गीता का उपदेश देकर हमें कर्मयोग का ज्ञान सिखाया। प्रत्येक व्यक्ति को कर्म के माध्यम से जीवन में अग्रसर रहना चाहिए।भगवान श्रीकृष्ण ने बाल लीला करते हुए इन्द्र का अभिमान भंग किया और गोवर्धन पर्वत की पूजा बृज वासियों को करा कर विश्व को प्रकृति की रक्षा करने का ज्ञान दिया। फिर वृन्दावन आकर पूरे गोपीयो के साथ महारास कर उन्हे सुख दिया। कंस के बुलावे पर मथुरा आए और मथुरा वासी को आनंदित करते हुए कंस की सभा तक आए और मल्ल युद्ध कर कई राक्षसों का संहार किया और अंत मे कंस का वध कर मोक्ष प्रदान किया कंस के वध करने के बाद पूरे मथुरा मे खुशी की लहर दौड़ गई। भगवान ने कारागार से अपने नाना को मुक्त कराया और मथुरा का राज्य सौंप दिया। भगवान ने गुरु संदीपनी जी के आश्रम मे विद्या अर्जित की।इस अवसर पर मुख्य यजमान रामेश्वर प्रसाद ऊमरवैश्य, मीरा देवी, मनोज कुमार, मनीष कुमार, आशीष कुमार, पवन कुमार, कृष्ण कुमार, कामता प्रसाद, इंजीनियर घनश्याम पांडेय, नागेंद्र प्रताप सिंह, राधेश्याम तिवारी, रामवृक्ष मिश्रा, शिवधारी दुबे, मिलन दुबे राजू भाईसाहब, मनोज दुबे, प्रदीप कुमार, महेंद्र जायसवाल, धर्मराज तिवारी, विवेक कुमार जायसवाल, डिंपी पांडेय, सुमित सोनी, जयप्रकाश पाठक, सुनील जायसवाल, केशरी सिंह, धीरज सिंह, नीरज सिंह, कुलदीप जायसवाल, शैलेश पाठक, आयुष जायसवाल, राजन जायसवाल, सुभाष चन्द्र गुप्ता, सचिन सिंह, भरत लाल, कान्हा, किशन, शिवांश, शिवाय, कार्तिक, सावन, शुभ, श्रेयांश, श्याम सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।