प्रयागराज। प्रयागराज सेवा फाउंडेशन के तत्वाधान में माघ मेला प्रयागराज की पावन भूमि पर मठ मछली बंदर के प्रांगण में आयोजित श्री राम कथा के समापन दिवस पर कथा व्यास पंडित आशीषानंद महाराज ने अपनी मधुर वाणी से श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। महाराज ने कहा कि राम हमारे आचरण और हमारे उत्तम विचार में अवश्य विराजमान होने चाहिए यही उनकी सबसे बड़ी भक्ति है। उन्होंने आदर्श राजा, उत्कृष्ट भाई, श्रेष्ठ पुत्र, महान मित्र की भूमिका एक साथ निभाई तथा एक मानक स्थापित किया। उन्होंने कहा कि प्रभु राम के नाम मात्र से रावण जैसे अत्याचारी का अंत हो जाता है और अंदर के सारे क्लेश पाप और कुविचार समाप्त हो जाते हैं। मन के रावण का अंत करें, स्वत: प्रभु राम की भक्ति मिल जाएगी। अन्याय पर न्याय की जीत के लिए प्रभु श्री राम ने विकट समुद्र को पार कर यह साबित कर दिया कि अन्याय और अत्याचार का हर समय विरोध करना ही मनुष्य का नैतिक कर्तव्य है। इस कार्यक्रम के कारण माहौल भक्तिमय हो गया इस कथा महाज्ञान यज्ञ में दूर-दराज से काफी संख्या में भक्त पहुंचे दोपहर से देर रात तक भक्ति कथाओं से श्रोता सराबोर होते रहे। कथावाचक ने कहा कि सत्संग के माध्यम से ही हम ईश्वर के करीब पहुंचते हैं उन्होंने भगवान श्रीराम की मार्मिक कथाओं का वर्णन करते हुए कहा कि श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम थे।इस अवसर पर आचार्य दीनानाथ दुबे, विनय पांडेय, अशोक मिश्र, उमेश मिश्र, दिवाकर, शुभम तिवारी, विशाल तिवारी, अर्पित गर्ग, शत्रुघ्न शुक्ल, संतोष शुक्ल सहित तमाम गणमान्य लोग उपस्थित रहे। श्री राम कथा में उपस्थित सभी भक्तों का अभिनंदन संस्था संस्थापक अध्यक्ष मुख्य यजमान त्रिवेणी प्रसाद तिवारी ने किया कार्यक्रम की समस्त सूचना फाउंडेशन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष शुक्ला ने दिया।