जंघई।गरियांव गांव में मुख्य यजमान शोभनाथ मिश्र के निवास पर में चल रही श्रीराम कथा के तीसरे दिन भगवान राम के जन्म होते ही पंडाल में प्रभु श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा। कथावाचक रसराज मृदुल महाराज श्री धाम वृंदावन ने कहा कि भगवान का जन्म असुरों और पापियों का नाश करने के लिए हुआ भगवान राम ने बाल्यावस्था से ही असुरों का नाश किया उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जीवन चरित्र अनंत सदियों तक चलता रहेगा। श्री राम कथा में पिता के प्रति मां के प्रति और भाई के प्रति प्रभु राम का जो स्नेह प्रेम रहा सदा सदा के लिए अमर है। महाराज ने कहा कि राजा दशरथ के संतान न होने के कारण अपने कुलगुरु वशिष्ठ के पास जाते हैं जहां वशिष्ठ द्वारा श्रृंगी ऋषि से शुभ पुत्र कामेष्टि यज्ञ करवाते है यज्ञ कुंड से अग्नि देवता का प्रकट होकर राजा दशरथ को खीर प्रदान करते हैं। जिसके बाद राजा दशरथ द्वारा तीनों रानियों कौशल्या, कैकई और सुमित्रा को खीर देते है। उस खीर के खाने से तीनों रानियों को भगवान राम सहित भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म होता है। इस अवसर पर कथा के पश्चात आगंतुकों का स्वागत करते हुए आयोजक भरत मिश्र एवं परिजनों द्वारा आरती प्रसाद वितरण करवाया गया। कथा श्रवण करने वालों में जटाशंकर मिश्र, राम अधार शुक्ला,  शारदा त्रिपाठी, शशि प्रकाश शुक्ला, महेंद्र तिवारी, चंद्रमणि तिवारी, कृष्ण कुमार तिवारी, गिरिजा शंकर मिश्र, अनुरेश तिवारी, सुभाष चंद्र मिश्रा, रमेश कुमार मिश्र, दिनेश कुमार मिश्र, अशोक कुमार मिश्र, आशीष मिश्र, उत्तम मिश्र, अंकित, आलोक, मध्यम, श्लोक, उत्सव, शुभम, कुशल, आयुष, कृष्णा, यश, समीक्षा, स्वीटी, मुक्ता, सनाया, रिद्धि, सिद्धी मिश्र सहित तमाम भक्तगण मौजूद रहे।