जंघई।सरायममरेज थानांतर्गत हरीपुर पट्टी गांव निवासी धर्मेंद्र विश्वकर्मा एवं मनोजा देवी के तीन बच्चों में ध्रुव शर्मा 18 वर्ष है, हार्दिक विश्वकर्मा 14 वर्ष का था, सुहानी विश्वकर्मा 11 वर्ष की है। हार्दिक विश्वकर्मा पूर्व माध्यमिक विद्यालय जलालपुर में कक्षा 8 का छात्र था। धर्मेंद्र विश्वकर्मा ने लिखित रूप से सरायममरेज थाना में एसएचओ सरायममरेज योगेश प्रताप सिंह को दिये प्रार्थना पत्र में लिखा है कि मेरे छोटे बेटे हार्दिक को विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं अन्य शिक्षक हमेशा मारते पीटते थे मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे और कहते थे कि मेरे विद्यालय में पढ़ने मत आया करो इससे क्षुब्ध एवं दुखी होकर हार्दिक मंगलवार को प्रधानाध्यापक के पास टीसी लेने गया और कहा कि गुरुजी मेरी टीसी बना दिजिए मैं आपके विद्यालय में नहीं पढ़ूंगा दूसरी जगह नाम लिखवाने के लिए टीसी की आवश्यकता पड़ती है इतने में प्रधानाध्यापक आग-बबूला होकर हार्दिक को तीन चार थप्पड़ जड़ दिया और कहा कि भाग जाओ विद्यालय से टीसी नहीं मिलेगी और तुम्हारा नाम तीन साल तक कहीं नहीं लिखा जाएगा। रोते-बिलखते हार्दिक घर पहुंचा परिजनों को सारी बातें बताई और एकांत में लेट गया। कुछ देर में हार्दिक के साथ पढ़ने वाले तीन छात्र हार्दिक की टीसी लेकर उसके घर पहुंचे तो हार्दिक ने टीसी देखा तो टीसी कक्षा 7 की थी, जन्म तिथि 16 मई की 2010 की जगह 2014 लिखा था, माता का नाम मनोजा देवी की जगह मनोरमा लिखा था यह सब देखकर हार्दिक मानसिक तनाव में आ गया और करीब 3 बजे घर के पंखे से लटककर आत्महत्या कर लिया। हार्दिक के दादा राजनाथ विश्वकर्मा ने जब देखा तो‌ जोर जोर चिल्लाने लगे और परिजनों को बुलाया और पुलिस को सूचना दिया हार्दिक के माता पिता एवं अन्य परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। मौके पर पहुंची सरायममरेज थाने की पुलिस एवं चौकी इंचार्ज जंघई संजय कुमार मौर्य ने मौके का मुआयना किया और शव को सरायममरेज थाने पर ले गए।इस संदर्भ में एसएचओ सरायममरेज योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि मृतक हार्दिक के पिता धर्मेंद्र विश्वकर्मा की तहरीर पर प्रधानाध्यापक एवं अन्य के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत करके विधिक कार्रवाई की जा रही है शव‌ को पोस्टमार्टम हेतु प्रयागराज भेज दिया गया है।