जंघई। नागरिक पीजी कॉलेज जंघई में शिक्षक दिवस धूमधाम से मनाया गया कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित करके मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों ने किया। मुख्य अतिथि महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्य डॉ सत्या पांडेय ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति और द्वितीय राष्ट्रपति रहे। वे भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद, महान दार्शनिक और एक आस्थावान हिन्दू विचारक थे। उनके इन्हीं गुणों के कारण सन् 1954 में भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृति किया था पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली एक महान शिक्षक थे। कार्यक्रम में भारतीय संस्कृति और परंपरा का पालन करते हुए छात्र, छात्राओं ने गुरुजनों के मस्तक पर रोली और अक्षत लगाकर स्वागत किया। इसके बाद छात्र, छात्राओं ने अतिथियों एवं शिक्षकों के सम्मान में गीत प्रस्तुत किया कार्यक्रम में शिक्षकों ने भी अपनी प्रतिभा का परिचय दिया।प्रबंधक पंडित परशुराम त्रिपाठी की प्रेरणा और शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. गंगेश दीक्षित के संयोजन मे ग्यारह विभूतियों को सम्मानित किया गया। डॉ पवन पांडेय के मंगलारण प्रगति शुक्ला की वाणी वंदना और आस्था कन्नौजिया के स्वागत गीत के उपरांत अतिथियों का सम्मान पुष्प माला, अंगवस्त्रम, अभिनंदन पत्र, रुद्राक्ष की माला और प्रतीक चिन्ह से किया किया गया कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्राचार्य प्रो. वीएन मिश्र ने किया। विशिष्ट अतिथियों में महाविद्यालय से सेवानिवृत्त डॉ विश्राम शर्मा, डॉ कौशल कुमार पांडेय, डॉ कमलेश त्रिपाठी पूर्व प्राचार्य, प्रो. प्रमोद कुमार तिवारी पूर्व प्राचार्य, डॉ कविता गुप्ता, डॉ दया नाथ त्रिपाठी एवं  प्रो. रमाकांत, डॉ. अरविंद मौर्य आदि ने सम्मान के उपरांत सारस्वत अतिथि के रूप मे अपनी अनुभूतियों की साझेदारी किया। डॉ ज्ञान प्रकाश द्विवेदी ने अभिनंदन पत्र का भावपूर्ण वाचन किया मौलिकता और सर्जन, अभिव्यक्ति और सरोकार, संवाद के विविध रंग, अस्मिता और कर्तव्य, परंपरा और आधुनिकता, जीवन और दर्शन आदि के विविध रंग को वक्ताओं ने अपने उद्बोधन मे रेखांकित किया। प्राचार्य प्रोफेसर राजीव मालवीय ने अतिथियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की और डॉ गंगेश दीक्षित ने इस आयोजन की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ नीरज, डॉ बृजेश यादव, डॉ. ओमप्रकाश मिश्र, डॉ अरविंद कुमार राय ने कार्यक्रम को नवोनमेष से भर दिया। डॉ विनोद कुमार पांडेय, डॉ मुकेश सिंह, डॉ प्रमोद कुमार पांडेय, डॉ आनंद श्रीवास्तव, डॉ सुरेंद्र यादव, डॉ अमित पांडेय, डॉ आयुषी मौर्या, डॉ ममता यादव, डॉ कुलदीप सोनी, डॉ विकास यादव, डॉ सुनील कुमार, डॉ दुर्गेश कुमार यादव, डॉ सुनील कनौजिया, डॉ रामप्रसाद यादव, डॉ अरविंद सिंह, डॉ अश्विनी मिश्र, नीरज कुमार, डॉ बलराम यादव आदि प्राध्यापकों ने विविध स्तरों पर आयोजन की सफलता हेतु सक्रिय योगदान दिया कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर रवि कुमार मिश्र ने किया।