भारतीय संसद से पारित व लागू कानून बीएसए गोंडा के ठेंगें पर---आरटीई ऐक्ट,2009 की धारा 18 व 19 का उल्लंघन।---आईपीसी की धारा 419, 420, 120 का प्रकरण।---संसद से पारित व लागू कानून का उल्लंघन।मनकापुर। सईयां भये कोतवाल तो डर काहे का के लोकोक्ति को चरितार्थ करते हुए दबंग प्रबन्धक द्वारा सीधे बीएसए गोंडा व बीईओ के खुले संरक्षण में कोविड-19 के दिशा निर्देशों के विपरीत मानक विहीन, अवैध व अमान्य विद्यालयों का खुले आम अनवरत संचालन जारी है जिसकी शिकायत की जांच करते हुए खुद पुलिस विभाग ने आरोप को सही साबित किया है। जानकारी के अनुसार हाई कोर्ट इलाहाबाद के अधिवक्ता आर के पाण्डेय ने आईजीआरएस पर शिकायत करते हुए आरोप लगाया है कि जनपद गोंडा के तहसील मनकापुर व थाना खोडारे अंतर्गत बभनजोत ब्लॉक के बुद्धिराम डीह कूकनगर ग्रांट पश्चिम में मानक विहीन, अवैध व अमान्य तरीके से किसान उ0मा0 विद्यालय एवं एम्बीशन कान्वेंट स्कूल दोनो ही विद्यालय एक ही कैम्पस में अनवरत संचालित है। आरोप है कि दबंग प्रबन्धक को बीईओ बभनजोत व बीएसए गोंडा का संरक्षण प्राप्त है। शिकायत की जांच से पहले ही बीईओ व बीएसए ने आवेदक का मोबाइल न0 व पता प्रबन्धक को दिया जिसके बाद आरोपी प्रबन्धक ने आवेदक को जान से मारने की धमकी दी जिसकी भी शिकायत आवेदक द्वारा गृह एवं गोपन विभाग में कर दी गई। उधर पुलिस विभाग द्वारा की गई जांच में जांच अधिकारी उपनिरीक्षक विकास कुमार चतुर्वेदी ने जांच में आरोपों को सही साबित किया है।क्या है कानून?------------------- आरटीई ऐक्ट,2009 की धारा 18 के अनुसार बिना मान्यता प्राप्त किये कोई भी विद्यालय खोला ही नही जा सकता तथा इसके उल्लंघन पर प्रतिदिन रू0 दस हजार व दूसरी बार के उल्लंघन पर रु0 एक लाख तक के जुर्माने की सजा की व्यवस्था है जबकि मान्यता के शर्तों के पूरा न होने पर इसी ऐक्ट की धारा 19 के तहत मान्यता प्रत्याहरित कर ली जाती है।क्या है मानक?------------------- बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार स्वयं की जमीन पर बने भवन या किराये के बिल्डिंग पर मान्यता दी जाती है बशर्ते कक्षा 1 से 5 तक के लिए कम से कम 8 पक्के कमरे व कक्षा 1 से 8 तक के लिए लगभग 13 पक्के कमरे, लाइब्रेरी, पुस्तकें, खेल का मैदान, खेल का सामान, वाचनालय, हवादार व प्रकाशयुक्त कमरे, भूकम्परोधी भवन, नेशनल बिल्डिंग कोड व अग्निशमन विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र, प्रशिक्षित योग्य प्रधानाचार्य, प्रशिक्षित अध्यापक, क्लर्क, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, सरकारी विद्यालयों के स्टाफ के बराबर वेतनमान आदि की व्यवस्था होनी चाहिए तथा प्रबन्धक व प्रबन्धकारिणी के परिवार का कोई भी सदस्य इस विद्यालय में नौकरी में नही रखा जाएगा।क्या है आरोप?-------------------- आवेदक आर के पाण्डेय एडवोकेट के अनुसार किसान उ0मा0 विद्यालय व एम्बीशन कान्वेंट स्कूल दोनो ही उपरोक्त एक ही कैम्पस में नियम व मानक के विरुद्ध संचालित हैं एवं दबंग प्रबन्धक को बीएसए गोंडा व बीईओ बभनजोत का संरक्षण प्राप्त है। यह विद्यालय मानक विहीन, अवैध व अमान्य है जिसमें योग्य शिक्षक नही हैं, कोविड-19 के गाइड लाइन के विपरीत संचालन हो रहा है, विद्यालय परिसर में ही यूनिफ़ॉर्म, कॉपी, किताब, स्टेशनरी आदि बेची जाती है, तय मानक के विपरीत प्राइवेट पब्लिकेशन की ऊँचे दर पर किताबें चलाई जाती हैं व निर्धारित वेतनमान का अभाव है। आरोप है कि यह विद्यालय मात्र 01 पक्का कमरा व कुछ तीन शेड में चलाया जाता है। उधर शिकायत के बाद आरोपी प्रबन्धक ने आवेदक को फोन करके जान से मारने की धमकी दी है।जांच में आरोप साबित---------------------------- शिकायत की मौके पर थाना खोडारे के उपनिरीक्षक विकास कुमार चतुर्वेदी ने जांच की व जांच रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि एक विद्यालय मान्यता प्राप्त है जिसमें केवल 03 कमरे पक्के व 07 तीन शेड तथा 07 अध्यापक हैं। इस प्रकार स्पष्ट है कि मान्यता के शर्तों को विद्यालय पूरा ही नही करता तो यह भी स्पष्ट हो जाता है कि एनबीसी एवं अग्निशमन विभाग के अनापत्ति प्रमाण पत्र फर्जी हैं अतएव बीईओ की रिपोर्ट व बीएसए गोंडा द्वारा जारी मान्यता भी गलत है। जांच अधिकारी उपनिरीक्षक विकास कुमार चतुर्वेदी ने बेसिक शिक्षा विभाग से अग्रेतर जांच कराने का सुझाव दिया है।अब क्या है कानूनी विकल्प?------------------------------------ अब जबकि यह साबित हो गया है कि विद्यालय मान्यता हेतु अनिवार्य मानक के शर्तों को पूरा ही नही करता व कूटरचित फर्जी दस्तावेज के आधार पर एक विद्यालय को मान्यता प्रदान कर दी गई है तो आरटीई ऐक्ट,2009 की धारा 19 के तहत मान्यता प्रत्याहरित की जाए तथा गैर मान्यता प्राप्त, मानक विहीन, अवैध व अमान्य एम्बीशन कान्वेंट स्कूल के विरुद्ध आरटीई ऐक्ट की धारा 18 के तहत लाखों रुपये का जुर्माना लगाया जाए एवं विद्यालय को स्थाई तौर पर बन्द करके सीज किया जाए और प्रबन्धक मंत्री उदय प्रताप वर्मा, बीईओ बभनजोत तथा बीएसए गोंडा के विरुद्ध आईपीसी की धारा 419, 420, 120बी के तहत एफआईआर दर्ज करके विधिक कार्यवाही की जाए। उधर आवेदक आर के पाण्डेय एडवोकेट ने आज मीडिया को बताया कि वह भ्रष्टाचारमुक्त भारत अभियान के तहत इस प्रकरण में न्यायसंगत विधिक कार्यवाही हेतु हर सम्भव प्रयास करेंगे व जरूरी होने पर मा0 उच्च न्यायालय व सुप्रीम कोर्ट में भी पैरवी करेंगे।
07 Apr 2021 03:01 38pm