जंघई। महाशिवरात्रि पर्व पर नर्मदेश्वर महादेव रस्तीपुर, खखैचा मंदिर में भगवान शिव का जलाभिषेक किया गया। मंदिर के मुख्य अर्चक पंडित शशिभूषण त्रिपाठी एवं उनके परिजनों द्वारा भोलेनाथ का भव्य श्रृंगार किया गया दूध, दही, अक्षत, फूल, फल, मिष्ठान, गंगाजल, गन्ने का रस अर्पित किया गया। इसके पूर्व मंदिर प्रांगण एवं गुंबज का भव्य तरीके से नवीनीकरण कराते हुए सुंदरकांड पाठ एवं महाप्रसाद का आयोजन भी किया गया।

पंडित शशिभूषण त्रिपाठी ने बताया कि पुण्यकाल भोर मे महादेव की आराधना अत्यंत सुखदाई होता है देवो के देव महादेव तो अवघढ़दानी है क्षण मात्र मे जल चढ़ाने से प्रशन्न हो जाते हैं, महादेव और माता पार्वती के विवाहोत्सव के रुप में मनाया जाने वाला शिवरात्रि का पावन पर्व शिव भक्तों के लिए बेहद खास होता है।


 इस दिन गौरा पार्वती और शिव जी की पूजा अर्चना के साथ व्रत रखने का भी विधान है। शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव का जल अथवा दूध से अभिषेक करने से भक्तों को बहुत लाभ होता है ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है इसीलिए भक्तगण अपनी मनोकामनाओं के अनुसार भी शिवजी को विभिन्‍न चीजों से अभिषेक करते हैं। 

शिव भक्तों द्वारा दूध, दही, रोरी, अक्षत, फल, फूल, मिष्ठान, भांग, धतूरा, गंगाजल चढ़ाकर जलाभिषेक किया जाता है। नर्मदेश्वर महादेव मंदिर रस्तीपुर के संस्थापक पंडित अवधेश चंद्र त्रिपाठी सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक एवं उनके पुत्रों सूर्यभूषण त्रिपाठी, चंद्रभूषण त्रिपाठी, शशिभूषण त्रिपाठी एवं पौत्रों राहुल त्रिपाठी, मंजूल त्रिपाठी, रंजन त्रिपाठी, चंदन त्रिपाठी, शिवांश त्रिपाठी द्वारा भोलेनाथ की विशेष पूजा अर्चना की जाती है।