जंघई।अनुवां गांव में मुख्य यजमान इंद्रावती देवी शरद कुमार मोलई तिवारी के निवास पर आयोजित सात दिवसीय संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन गुरुवार को कथावाचक डॉ महेंद्र शास्त्री महाराज ने भगवान का बामन अवतार, रामावतार व भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव आदि प्रसंग का वर्णन किया। कथावाचक ने कहा कि श्रीकृष्ण का जीवन ही संघर्ष से शुरू हुआ लेकिन इसका सिकन कभी उनके चेहरे पर नहीं दिखा वह हमेशा मुस्कराते हुए वंशी बजाते रहते थे।द्वापर युग में भोजवंशी राजा उग्रसेन मथुरा में राज करता था उग्रसेन की पुत्री देवकी व पुत्र का नाम कंस था देवकी का विवाह वासुदेव नामक यदुवंशी सरदार से हुआ। एक समय कंस अपनी बहन देवकी को उसकी ससुराल पहुंचाने जा रहा था रास्ते में आकाशवाणी हुई- 'हे कंस, जिस देवकी को तू बड़े प्रेम से ले जा रहा है, उसी में तेरा काल बसता है। इसी के गर्भ से उत्पन्न आठवां बालक तेरा वध करेगा। भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि की घनघोर अंधेरी आधी रात को रोहिणी नक्षत्र में मथुरा के कारागार में वासुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया। यह तिथि उसी शुभ घड़ी की याद दिलाती है और सारे देश में बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। मौके पर झांकी प्रस्तुत कर भगवान श्रीकृष्ण का आविर्भाव एवं जन्मोत्सव मनाया गया, मानो कुछ क्षण के लिए आयोजन स्थल नंदालय बन गया भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया आरती प्रसाद वितरण किया गया।इस अवसर पर यज्ञाचार्य गणेश दत्त पांडेय पुराण प्रवक्ता, अमृतलाल तिवारी, सुभाष तिवारी, गिरिश तिवारी, शैलेश तिवारी, आनंद तिवारी, राकेश, प्रदीप, संदीप, आशीष, नीरज शुक्ला, शिवम, सत्यम, सुयश, सुधांशु, हिमांशू, आकाश, विकास, हर्ष, आयुष, रौनक, पीयूष, साहिल, अनंत, शिवांश, शिवाय एवं कथा श्रोताओं में कुंज बिहारी पांडेय, अंबिका प्रसाद पांडेय, मुन्ना उपाध्याय, त्रिभुवन नाथ उपाध्याय, अशोक कुमार उपाध्याय, जग प्रसाद पांडेय, राधेश्याम दुबे, ब्रह्मजीत दुबे, लवकुश तिवारी, राकेश पांडेय, गरुण पांडेय, धर्मेंद्र दुबे, राजेश मिश्रा, अतुल श्रीवास्तव, विजयनाथ उपाध्याय, रामानुज उपाध्याय, चंद्र उपाध्याय, विजय उपाध्याय गोली, उदयराज उपाध्याय, जयंती प्रसाद पांडेय, सुधीर उपाध्याय, राजा उपाध्याय, अंबुज पांडेय, सप्पू गौड़, पट्टर गौड़, सेवक विश्वकर्मा, आनंद मिश्रा सहित तमाम लोग मौजूद रहे।