---------------------------------------- कुंडा/ प्रतापगढ ( ब्यूरों)। दो-दो प्रधान होने के बाद भी गांव विकास के लिए तरस गया है। खड़ंजा, शौचालय और आवास जैसी योजनाओं से मरहूम इस गांव की कोई भी सुध नही ले रहा है। शिकायत के बाद भी इलाके के जनप्रतिनिधि और विभागीय अधिकारी उदासीन बने हुए हैं। बाबागंज ब्लाक में स्थित बैरागीपुर गांव आज भी विकास कार्यो से अछूता है। गांव की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि इस गांव का कुछ हिस्सा ऐंधा तो कुछ हिस्सा फतूहबाद ग्राम सभा में आता है। कुंडा-जेठवारा मार्ग से करीब 400 मीटर की दूरी पर स्थित इस गांव में दो-दो प्रधान होने के बाद भी आज तक यहां के ग्रामीण विकास और अन्य गरीबो के लिए चलाई जा रही योजनाओं से वंचित हैं। शौचालय और आवास ने तो यहां के ग्रामीणों से दूरी बना ली है। गांव में प्रवेश करने का एक मात्र रास्ता काफी जर्जर हो चुका है। खड़ंजा न लगने के कारण बरसात में सभी कच्चे रास्तों पर पानी और कीचड़ हो गया है। जल निकासी की व्यवस्था न होने से गांव में कई जगह पानी भर गया है, जिससे बहुत सारे ग्रामीणों का आवागमन बाधित हो गया है। खराब रास्ता होने के कारण बरसात के समय में आपातकाल में गांव में कोई भी चार पहिया वाहन नही जा सकता है। विकास के नाम पर जिले में करोड़ो रुपए फूंक दिए गए लेकिन दो ग्राम प्रधानों के स्वामित्व वाला यह गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं को तरस रहा है। गांव में विकास कार्यो के लिए गांव के संगम मिश्र ने इलाके के जनप्रतिनिधियों से लेकर विभागीय अधिकारियों तक से शिकायत की, लेकिन किसी के कानों पर जूं तक नही रेगी। रिपोर्ट। विश्व दीपक त्रिपाठी