भारत के लाल शहीद रामेश्वर गुप्ता का पार्थिव शरीर कुशीनगर पैतृक गांव पहुंचा। मुख्यमंत्री को बुलाने की गुहार भगवन्त यादव भारत के लाल रामेश्वर गुप्ता का शहीद का पार्थिव शरीर कुशीनगर पहुंचा पैतृक गांव, परिजनों ने अंतिम संस्कार से इनकार किया,सूबे के मुख्यमंत्री जी को बुलाने पर अड़े हैं परिजन, मौके पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, क्षेत्राधिकारी मौजूद है शहीद भारत-चीन सीमा के करौती में थे तैनात, 6 अक्टूबर को हार्टअटैक से हुई थी मौत पूर्वांचल की जनता शोकाकुल कुशीनगर जिले के पटहेरवा थाना क्षेत्र के बदुरांव गांव के सैनिक रामेश्वर गुप्ता का पार्थिव शरीर गुरुवार की देर रात घर लाया गया। पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही ग्रामीणों की भीड़ जुटने लगी। इस दौरान परिजनों की चीख पुकार सुनकर सभी की आंखे भर आई। सुबह होते ही परिजन मुख्यमंत्री को मौके पर बुलाने की जिद करने लगे। इस दौरान मौके पर देवरिया के सांसद रमापति राम त्रिपाठी व फाजिलनगर के विधायक गंगा सिंह कुशवाहा सहित अन्य लोग पहुंचे। सांसद व विधायक द्वारा काफी देर तक मान मनौव्वल के बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए। अंतिम यात्रा निकलने के बाद गांव के लोग दरवाजे पर गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिए जाने से नाराज होकर प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शन के दौरान नारेबाजी कर रहे लोग सांसद रमापति राम त्रिपाठी की गाड़ी के आगे खड़े हो गए। पुलिस ने किसी तरह से मामला शांत कराकर अंतिम संस्कार कराया। गौरतलब है कि बदुराव गांव निवासी रामेश्वर गुप्ता (45) सेना से जुड़े सीमा सड़क संगठन के जनरल रिजर्व इंजीनियरिंग फोर्स में गनमैन थे। उनकी ड्यूटी तिनसुकिया में थी। फिलहाल वह भारत-चीन के करौली बॉर्डर पर तैनात थे। मंगलवार की सुबह उनकी ड्यूटी के दौरान मौत की खबर घरवालों को मिली थी।स्व. सिंगासन गुप्ता के तीन पुत्रों और दो पुत्रियों में रामेश्वर गुप्ता सबसे छोटे थे। वह अपने पीछे बूढ़ी मां, पत्नी, दो बेटे और दो बेटियों को छोड़ गए हैं। परिजनों ने बताया कि रामेश्वर वर्ष 1995 में बीआरओ में नियुक्त हुए थे। इस वर्ष 27 जनवरी को वह छुट्टी पर घर आए थे और 19 मार्च को ड्यूटी पर वापस जाना था लेकिन लॉकडाउन की वजह से तीन माह की छुट्टी ले ली थी। बीते 23 जून को रामेश्वर ड्यूटी पर चले गए थे। छुट्टी में गांव रहने के दौरान उन्होंने अपनी बड़ी बेटी के लिए शादी का रिश्ता भी तय कर दिया था। अगले साल 30 अप्रैल बेटी की शादी होनी है। ऐसे में घर में शादी की तैयारी चल रही थी। रामेश्वर परिवार के लोगों से कहकर गए थे कि अब शादी के एक माह पहले छुट्टी लेकर घर आएंगे। रामेश्वर की पत्नी मीना देवी, माता मौलेश्वरी देवी, दो पुत्रियां पिंकी और रिंकी तथा दो पुत्रों अजीत और लोकेश का रो-रो कर बुरा हाल है।