जंघई।भागवत कथा के चौथे दिन शुक्रवार को कथा वाचक आचार्य अशोकानंद शास्त्री महाराज ने भक्ति ज्ञान एवं वैराग्यरूपी श्रीमद्भागवत कथा से त्रिवेणी प्रवाहित किया। जोगापुर, हरदुआं गांव में यजमान रमाशंकर पांडेय एवं हीरावती देवी के निवास पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में कथा व्यास अशोकानंद महाराज जी ने कथा के चौथे दिन गजेन्द्र मोक्ष, समुद्र मंथन, वामन अवतार, श्री राम अवतार व श्री कृष्ण जन्मोत्सव प्रसंगों का सिलसिलेवार वर्णन कर श्रोताओं को भक्ति रस से भर दिया।उन्होंने बताया कि जब जब पृथ्वी पर अधर्म का बोलबाला बढ़ जाता है तो सर्वत्र हिंसा और उपद्रव दिखाई देती है।

गोमाता, संतों व ब्राह्मणों पर जब दुष्ट लोग अत्याचार करते हैं तब प्रभु वैकुंठ त्याग कर धराधाम में अवतरित होते हैं। कथा प्रसंग में श्री राम अवतार के साथ संक्षिप्त में राम कथा का वर्णन करते हुए महाराज ने कहा कि भगवान कभी जन्म नहीं लेते, अवतार धारण करते हैं, प्रकट होते हैं और प्रकट वहीं होते हैं जो पहले से विद्यमान हों भगवान तो कण कण में मौजूद रहते हैं। भगवान श्री कृष्ण व मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का धरा आगमन सच्चे अर्थों में मानवता की स्थापना के लिए हुआ था। 

इस अवसर पर महाराज ने श्री कृष्ण जन्मोत्सव की बड़ी ही मनोरम कथा का बखान किया।टोकरी में भगवान श्री कृष्ण की झांकी एवं जन्मोत्सव देखकर कथा स्थल नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की.. के जयकारों गूंजायमान हो गया श्रद्धालु जमकर झूमें और फूलों की वर्षा किया अंत में आरती के पश्चात श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया।इस अवसर पर शिव शंकर पांडेय, विजय शंकर पांडेय, रमेश चंद्र पांडेय, राजेश पांडेय, बृजेश पांडेय, कमलेश पांडेय, राजकुमार, प्रदीप, विकास, शनी, शुभम, रौनक, हर्षित सहित तमाम लोग मौजूद रहे।